महाकुलकुलीनार्यसभ्यसज्जनसाधव:। -अमरकोष 7।3
महाकुलकुलीनार्यसभ्यसज्जनसाधव:। -अमरकोष 7।3
अर्थात : आर्य शब्द का प्रयोग महाकुल, कुलीन, सभ्य, सज्जन, साधु आदि के लिए पाया जाता है।
पौराणिक और संस्कृत ग्रंथों में आर्य का अर्थ श्रेष्ठ होता है। आर्य किसी जाति का नहीं बल्कि एक विशेष विचारधारा को मानने वाले का समूह था जिसमें श्वेत, पित, रक्त, श्याम और अश्वेत रंग के सभी लोग शामिल थे।