याज्ञिक कर्म
🙏29.12.19 आज का वेदमंत्र,अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा,प्रचारित आर्य जीतेन्द्र भाटिया द्वारा🙏🌹
यज्ञैर्वा यज्ञवाहसो विप्रस्य वा मतीनाम्।
मरुतः शृणुता हवम्॥ ऋग्वेद १-८६-२।।🙏🌹
हे सत्संग प्रिय मनुष्यों, तुम याग्निक कर्म (दूसरे के हित के कर्म) करने वाले और बुद्धिमान विद्वानों की सुना करो और ऐसा करो।🙏🌹
O satsang loving men, listen to the invocations of pious and intelligent people who do yagnic karma (deeds for the welfare of others interest) and you also do so. (Rigveda 1-86-2)🙏🌹 #vedgsawana🙏🌹