व्यर्थ के झंझटों से बचने के लिए कम बोले
व्यर्थ के झंझटों से बचने के लिए कम बोले
व्यर्थ के झंझटों से बचने के लिए कम बोले - काम का बोलें और प्रत्येक कार्य को पूरी सजगता से करे। यद्यपि गलती मनुष्य का स्वभाव है। किसी से कम तो किसी से ज्यादा हो ही जाती है तथापि गलती छुपाने के लिए झूठ का सहारा लेना उससे बड़ी गलती है। गलती छुपाओ नहीं अपितु गलती सुधारो।
जब आप झूठ का सहारा लेकर किसी गलती को छुपाने का प्रयास करते हैं तो आप सुधार की सम्भावनाओं को भी कम कर देते हैं। अगर आपको एक बार झूठ बोलने की आदत पड़ जाती है तो फिर आपको सच बोलना बड़ा कठिन मालूम पड़ेगा।
झूठ से बचने का प्रयास करो और प्रयास करो उस सत्य से भी बचने का जो किसी के लिए पीड़ा का कारण बन जाता है। जो सत्य किसी के लिए लज्जा का कारण और किसी के लिए आत्मग्लानि का कारण बन जाए वह सत्य भी शुभ नहीं है।
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सदा सत्य से भरें विमल हो,
झूठ कभी न बोलें हम।
खोलें मुख पर अपना तब,
पहले स्थिति को तौलें हम।
-आचार्या विमलेश बंसल आर्या
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