विनोदशील व्यक्तियों का प्रभाव

विनोदशील व्यक्तियों का प्रभाव



      जिन लोगों की बोलचाल विनोदभरी होती है-वे बड़े गम्भीर और विवेकी होते हैं। उनकी भीतरी वास्तविकता जानना बहुत ही कठिन है। यह गहरा काम होता है। उनकी पवित्रता और अपवित्रता का मांप करना भी कठिन होता है । विनोदभरी वार्तालाप करनेवालों का मस्तिष्क भी प्रभु ने कवियों की भांति बनाया होता है । यह उनके पुण्यों का फल है। यदि ऐसे व्यक्ति पवित्र और सदाचारी हों-तो उनका विनोद-वचन आत्मिक आनन्द-सरूरे-राहत पैदा करता है । दूसरों को सच्चा श्रद्धावान् बना देता है। यदि अपवित्र भाववाले हों-तो वे कठोर-स्वार्थी और मक्कार होते हैं । ठीक अवसर पर उनसे धोखे (प्रवंचना) की संभावना होती है । झूठा दिलासा देनेवाले होते हैं। और साधारण मनुष्य तो उनके वशवर्ती रहते हैं, प्रतियोगिता नहीं कर सकते। और बुद्धिमान् व्यक्ति भी कुछ काल के लिएअपितु समय-समय पर उनसे प्रभावित होकर धोखा उठाते हैं।


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