विद्वानों का संग करें

विद्वानों का संग करें



अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा,


प्रचारित आर्य जीतेन्द्र भाटिया द्वारा


पुत्रो न जातो रण्वो दुरोणे वाजी न प्रीतो विशो वि तारीत्।
विशो यदह्वे नृभिः सनीळा अग्निर्देवत्वा विश्वान्यश्याः॥ ऋग्वेद १-६९-३।।🙏🌹


       अग्रणी मनुष्य जो दूसरों के हित के कार्य करता है। उसका घर में आना नवजात शिशु जैसा आनंद  प्रदान करने वाला होता है। वह प्रजा के दुखों को दूर करने वाला होता है। हमें ऐसे विद्वानों का संग करना चाहिए। उनका सम्मान करना चाहिए।🙏🌹


The leading man who acts in the interest of others.  His arrival at home is joyous like a newborn baby.  He is the one to remove the sufferings of the people.  We should associate ourselves with such enlightened people.  Such people should be respected.  (Rig Veda 1-69-3)🙏🌹 #vedgsawana🙏🌹


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