विचार


        व्यक्ति का जीवन विचारों पर ही टिका हुआ है। विचारों के आधार पर ही उसकी सब योजनाएं बनती हैं, और वह पुरुषार्थ करता है।
        एक उत्तम विचार आता है, और व्यक्ति उससे प्रेरित  होकर सैनिक या विद्वान संन्यासी बन जाता है। वह देश धर्म की रक्षा करता है। 
        और यदि कहीं से कोई गलत विचार मिल जाए, तो व्यक्ति दिशा भटक जाता है, तथा आत्महत्या तक भी कर लेता है। जो कि नहीं करनी चाहिए। ऐसा करना सरकारी कानून में भी, और ईश्वर के कानून वेदों के अनुसार भी गलत है। फिर भी यह सत्य है कि विचारों पर ही व्यक्ति का जीवन टिका हुआ है।
       इसलिए यदि आप सुख पूर्वक जीना चाहते हैं, तो अपने मन में कुछ विचार अथवा सिद्धांत निश्चित कर के जिएँ। यदि आप इन विचारों व सिद्धांतो को सदा अपने मन में स्थापित रखेंगे, तो निश्चित रुप से आपका जीवन सुखमय होगा। 
       विचार तो बहुत हैं, फिर भी कम से कम दो चार अच्छे विचार या सिद्धांत  तो मन में सदा रहने ही चाहिएँ। और उन्हीं के आधार पर अपना जीवन चलाना चाहिए। वे विचार चित्र में देखें।


                                                    - स्वामी विवेकानंद परिव्राजक


Popular posts from this blog

ब्रह्मचर्य और दिनचर्या

वैदिक धर्म की विशेषताएं 

अंधविश्वास : किसी भी जीव की हत्या करना पाप है, किन्तु मक्खी, मच्छर, कीड़े मकोड़े को मारने में कोई पाप नही होता ।