वरदाता वरदान मिले
वरदाता वरदान मिले
वरदाता वरदान मिले, सद्बुद्धि, सद्ज्ञान मिले।
ज्ञान के चक्षु खुल जायें, मन की कटुता मिट जाये
शिवसंकल्प उठे मन में, दुर्गुण सारे धुल जायें
संतापों से त्राण मिले, सद्बुद्धि, सद्ज्ञान मिले।
तेरी लगन कभी छूटे ना
प्यार का नाता टूटे ना
दुःख संकट कितने आयें, तेरा दामन छूटे ना।
भक्तिरस का पान मिले, सद्बुद्धि, सद्ज्ञान मिले।
तुमको हम रक्षक माने
कण-कण में व्यापक माने
सत्संगत की राहों में अपना पथदर्शक मानें।
जीवनपथ आसान मिले, सद्बुद्धि, सद्ज्ञान मिले।
वैदिक पथ अनुगामी बने
सत्य नाम के हामी बने
यश वैभव भरपूर मिले, सुख ऐश्वर्य के स्वामी बनें।
दूध-पूत, धन-धान्य मिले, सद्बुद्धि, सद्ज्ञान मिले।