स्त्री धन क्या है ?
स्त्री धन क्या है ?
स्त्रीधन-सुवर्ण है। इसके अर्थ हैं-सोना, भौतिक रूप से । और आध्यात्मिक रूप से-सु सुन्दर श्रेष्ठपति वरण-प्राप्त होना । सज्जन धर्मात्मा श्रेष्ठपति की प्राप्ति स्त्रीधन है। तीसरा अर्थ है-स्व अपना वर्ण-रंग-अपना रंग रूप ही जानना-पति को। दो शरीरों में एक प्राण हो जावें ।