संग-कुसंग का प्रभाव

संग-कुसंग का प्रभाव



      जो पानी नल का या कुएं का घड़े में भर रखा जाता है-गर्मी की ऋतु में वह पहले गर्म होता है फिर ठंडा हो जाता है । परन्तु जिस पानी में बर्फ डाल दी जावेवह उस समय तो बहुत ठंडा हो जाता है बाद में देर होने पर वह पानी गर्म हो जाता हैयहां तक कि वह फिर स्वयं ठंडा होता ही नहीं। ऐसे ही मनुष्यों का हाल है जो साधारण आदमी है-वह जब सत्संग पूजा का संगी बनता है, तब अच्छा बन जाता है-त्रिय बन जाता है। और जो सत्संगी कुसंग में आ जावे-फिर उसका अच्छा होना कठिन हो जाता है


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