साधारण या महात्मा की चिकित्सा

साधारण या महात्मा की चिकित्सा



      साधारण व्यक्ति जब रोगी होता है-तब उसकी तो साधारण रीति से दवाई हुआ करती है। पर जब कोई देश या जाति का सरदार (प्रधान व्यक्ति) रोगी होता है-तो डाक्टरों और वैद्यों की दवाओं के अतिरिक्त तुरन्त ही समाचार पत्रों द्वारा घोषणाएं निकलती हैं, कि देश और जाति के सब लोग, छोटे-बड़े परमात्मा से प्रार्थना करें । एवं तब तक बड़ी लग्न से प्रार्थना की जाती है, जब तक वह भयानक दशा से बाहर होकर स्वस्थ नहीं हो जाता। राजा हो या सम्राट, नेता हो या महान्-अात्मा-महापुरुष हो ।


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