पूरे तप से मन पकता है

पूरे तप से मन पकता है



      तवे के नीचे आग जल रही हो, तवे को अभी सेंकन लगे, और रोटी डाल दी जावे-तो रोटी नहीं पक सकती। और यदि सेंक धीमा-धीमा हो, तवा पूर्ण गर्म न हो, तो वह भी रोटी ठीक नहीं पकेगी। ऐसे ही जब तक जप-तप आदि से पूर्णतया आत्मा भरपूर नहीं-तब तक वह सफल नहीं होती तथा मन की संकल्प-शक्ति प्रभावित नहीं कर सकती।


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