पण्डित वैद्यनाथ शास्त्री जी

पण्डित वैद्यनाथ शास्त्री जी



        संस्कृत एवं वैदिक साहित्य के प्रकाण्ड विद्वान् पण्डित वैद्यनाथ शास्त्री का जन्म 01/दिसम्बर/1915 को उत्तर प्रदेश के जौनपुर नगर में हुआ | वाराणसी, प्रयाग तथा लाहौर में आपका अध्ययन हुआ | कोंग्रेस के द्वारा संचालित स्वाधीनता आन्दोलन में भी आपने सक्रिय रूप से भाग लिया | तत्पश्चात आपने डी.ए.वी.कॉलेज प्रबन्ध समिति द्वारा संचालित दयानन्द ब्राह्म महाविद्यालय लाहौर में प्रधानाचार्य के रूप में कुछ समय तक कार्य किया | देश-विभाजन के पश्चात् वे गवर्नमेन्ट संस्कृत कॉलेज बनारस के पुस्तकालयाध्यक्ष के पद पर रहे, पुनः महाराष्ट्र के नासिक नगर में रहकर स्वतन्त्र रूप से लेखन एवं प्रचार कार्य करने लगे | कुछ समय के लिए आप आर्य कन्या गुरुकुल पोरबन्दर के आचार्य पद पर भी रहे | 1963में सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के अनुसन्धान विभाग के अध्यक्ष पद पर रहकर आपने कार्य किया और सार्वदेशिक सभा के तत्वाधान में अनेक उच्चकोटि के ग्रन्थों की रचना की | आपने अफ्रीका, मारिशिस आदि का प्रचारार्थ भ्रमण किया | 2 मार्च 1988 को आपका निधन हो गया |
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लेखन कार्य :-
१) आर्य सिद्धान्त सागर (प्रथम खण्ड) इस महाग्रन्थ की रचना आपने ठाकुर अमरसिंह आर्य पथिक (अमर स्वामी) को सहयोग दिया (२००० विक्रम)
२) वैदिक ज्योति - वेद विषयक उच्चकोटि के स्फूट निबन्धों का संग्रह | इस पर लेखक को सार्वदेशिक सभा ने "दयानन्द पुरस्कार" प्रदान किया था (१९५५)
३) शिक्षण तरंगिणी - शिक्षा से सम्बन्धित निबन्धों का संग्रह,
४) वैदिक इतिहास विमर्श (१९६१)
५) पाश्चात्य विद्वानों ने वेद में अनित्य इतिहास की सत्ता स्वीकार करते हुए जो आक्षेप किये हैं उनके समाधान रूप में यह ग्रन्थ लिखा गया है | इसमें प्रो. ए.ए. मैकडोनल लिखित "वैदिक इन्डेक्स" में अभिव्यक्त विचारों की प्रमाण पुरस्सर समीक्षा की गयी है |
६) दयानन्द सिद्धान्त प्रकाश - गाजियाबाद निवासी पौराणिक पण्डित रामचन्द्र यक्ता ने "दयानन्द रहस्य" लिखकर स्वामी जी के अनेक सिद्धांतों का कठोर खण्डन किया था | शास्त्री जी ने इस पुस्तक का सप्रमाण उत्तर दिया (२०१९ विक्रम)
७) कर्ममीमांसा - (१९५४)
८) सामवेद भाष्य (२०२३ विक्रम)
९) अथर्ववेद (अंग्रेजी अनुवाद)
१०) वैदिक युग और आदि मानव - भारतीय विद्या भवन बम्बई द्वारा प्रकाशित "वैदिक एज" ग्रन्थ के कतिपय आपत्तिजनक स्थलों की समीक्षा में लिखा गया ग्रन्थ (१९५४)
११) वैदिक विज्ञान विमर्श - महामहोपाध्याय पण्डित गिरिधर शर्मा चतुर्वेदी द्वारा लिखित ग्रन्थ "वैदिक विज्ञान और भारतीय संस्कृति" में व्यक्त किये गए मूर्तिपूजा, मृतक श्राद्ध, कृष्ण की पुराणोक्त रासलीला, अवतार वाद आदि के पोषक मन्तव्यों की आलोचना में लिखा गया | इसमें शर्मा जी के द्वारा स्वामी दयानन्द के वेद विषयक सिद्धान्तों की यत्र-तत्र स्पष्ट रूप में तथा अन्यत्र व्याजस्तुति शैली में की गयी आलोचना का भी प्रत्युत्तर दिया गया है |
१२) तत्त्वार्थदर्श - जैन मतानुयायी पण्डित अजित कुमार शास्त्री लिखित "सत्यार्थ दर्पण" (सत्यार्थ प्रकाश के त्रयोदश समुल्लास का खण्डन) तथा छुल्लक निजानन्द लिखित "ईश्वर मीमांसा" के उत्तर में लिखा गया |
१३) छः दर्शनों में मतैक्य है (१९७२)
१४) दर्शन तत्त्व विवेक - भाग १ (भारतीय वैदिक दर्शन से सम्बन्धित गम्भीर आलोचनात्मक ग्रन्थ) (१९७३)
१५) मुक्ति का साधन ज्ञान कर्म समुच्चय
१६) महर्षि की जन्मतिथि
१७) आर्य समाज की स्थापना तिथि
१८) ब्रह्मपारायण यज्ञ हो सकता है,
१९) नानजी भाई कालिदास मेहता का जीवन चरित्र
२०) वैदिक यज्ञ दर्शन (१९८०)
२१) शास्त्री जी ने निम्न ग्रन्थ संस्कृत में लिखे हैं ये अभी प्रकाशित नहीं हो के हैं :- काल, सांख्य सम्प्रदायान्वेषणम् , वैदिक वाग् विज्ञानम्, सदाचार:
अंग्रेजी ग्रन्थों का विवरण :-
1) The Arya samaj : Its Cult and creed (1965)
2) Vedic Caste system (1969)
3) Natural Sciences in the Vedas
4) Gems of Aryan Wisdom
5) The Vedic Marriage Ceremony
6) Vedic Sandya
7) Havan Mantras
8) Swami Dayanand's canon of Vedic Interpretation
9) Some points of the political philosophy of the Vedas
10) Unity of Home and in the world
11) Ban on Cow Slauter (2 parts)
12) Philosophy of Swami Dayanand
13) Morality is the Ultimate end of Religion
14) Arya Samaj at a glance
15) A Miscellania Of Vedic Religion and Philosophy
16) Sanskar Vidhi (संस्कार विधि का अंग्रेजी अनुवाद)
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       आइये !!! हम पण्डित वैद्यनाथ शास्त्री जी के ग्रन्थों का स्वाध्याय करें, उपलब्ध ग्रन्थों का संग्रह करें और उनके पथ पर चलते हुए अवैदिक मतों द्वारा किये आक्षेपों का उत्तर देने में अपने आपको सक्षम-समर्थ बनायें

      


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