नयन सरोज सुमुखि सिया, गौरी पूजन जाय।
नयन सरोज सुमुखि सिया, गौरी पूजन जाय।
लता ओट रघुवर लखी, मन ही मन हर्षाय।
कहे सखी सुन जानकी, किस से लागे नैन।
लता ओट क्या देखती, चुप चुप क्यूँ है बैन।
कहे सिया सुन री सखी, सुन्दर श्यामल गात।
ऐसो रूप लुभावनो , कोटिश काम लजात।