नारी का सम्मान वर्तमान की ज्वलंत समस्या !
भारत माता की नारियों की पुकार क्या होती हैं
नारी हो तुम नारी का अभिमान बनो !
धधक रही है अग्नि ज्वाला
ललकार रही हैं भारत माता की नारी है
कमज़ोर नहीं लाचार नहीं हैं
कैसा है इंसान यहाँ हैवान बन खड़ा हैं
करता हैं बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ बातें
मिथ्या ढोंगी नेताओ बाबाओं राज़ हो गया हैं
ललकार रही भारत माता की नारी हैं
नारी हो तुम नारी का अभिमान बनो
जाग जाओं ए सोने वालों
क्रोध नहीं ये अग्नि ज्वाला हैं
धू धू कर ये धधक रही हैं
इंसानो में बस ये अग्नि ज्वाला हैं
इंसान नही हैवान खड़े हैं
मिटा डालो इनकी हस्ती को
जला डालो इनके मंसूबों को !
मिटा डालो इनकी हस्ती को !
ख़ूनी दरिंदो की जन संचार में बस्ती हस्ती को
क्रोध अग्नि की ज्वाला हैं
भारत माता के सीने धधक
रही अग्नि ज्वाला हैं
नारी हो तुम नारी पुरषत्व का अभिमान बचा लो
होश उड़ा दो इन सबके मंसूबो को
सबक़ सिखा दो
शैतानो बेईमानो को
हिंदुस्तान के तुम वीर सिपाही हो
माता बहु बेटियों का लाज बचा लो
बदले की ये आग हैं
इंसानो में भड़क रही हैं दुर्गा काली रूप धरा हैं
नारी हो तुम नारी का अभिमान बढ़ा दो
धधक रही की अग्नि ज्वाला हैं
जन सैलाबों की हस्ती हों
बदले की आग ये है
अग्नि की ज्वाला हैं
जनसत्ता की पहचान बनी हैं
लाचार नही कमज़ोर नहीं हैं
सच्चाई का जनसंचार जगा दो
भारत माता के इंसानो में
नारी हो तुम नारी का अभिमान बढ़ा दो
इंसानियत का पाठ सिखा दो
भारत माता के सच्चे वीर सपूतों की
अग्नि बनी अब ये ज्वाला है
दुर्गा काली का रूप धरा
अग्नि बनी अब ज्वाला हैं