गर्भासन
गर्भासन
मानव-शिशु मातृ-गर्भ में जब पुकार करता रहता हैतो गर्भासन में अपने कानों को अपने हाथों से पकड़े हुए होता है। वह कठोर प्राश्चित्त करता है। खेद है कि मनुष्य बड़ा होकर भूल जाता है। कान पकड़ना संसार में शिक्षा का और दण्ड अथवा पापों के प्रायश्चित्त का चिह्न है।