मेरा देश क्यूँ सुलग रहा
मेरा देश क्यूँ सुलग रहा है,
कोई इसकी आग बुझाओ।
दुश्मन के बहकाने से तुम,
अपने घर मत आग लगाओ।
ध्यान से समझो पहले बात,
फिर अपनीआवाज़ उठाओ।
मोदी जैसे नेता के ऊपर,
ऐसे तुम लाँछन न लगाओ।
भेड़ के जैसी चाल चलोना,
अपना भी दिमाग चलाओ।
अगर देश से प्यार हैतुमको,
देश द्रोही को दूर भगाओ।
हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई,
हम है सारे भाई भाई।
मित्र भेस गद्दार छुपे हैं,
उनके कहेन दंगा फैलाओ।
अपना भारत सबसे प्यारा,
प्रेम प्यार के पुष्प खिलाओ।
ऐसा नेता फिर न मिलेगा,
मोदी जी को शीश नवाओ।