क्या वेदो को ऋषि वेद व्यास ने लिखा था ? मिथक से सच्चाई की ओर





          वे पौराणिक मित्र जो ये कहते नहीं थकते की वेदो को “वेद व्यास” जी ने लिखा वो या तो पूर्वाग्रह के शिकार हैं या फिर अपने पुराणो के ज्ञान को जानते नहीं हैं।


          गरुण पुराण के अनुसार –


          वेद व्यास जी ने वेद रूपी वृक्ष को अनेक शाखाओ में विभक्त किया
          गरुण पुराण अध्याय १


        कृपया उल जलूल तर्क देकर समय व्यर्थ न करे। 


        अब जब वेद पहले ही विद्यमान थे जैसे की इस पुराण को पढ़कर पता चलता है।  तब ये पौराणिक मित्र क्यों लोगो को भरमाते रहते हैं की वेद व्यास जी ने वेदो की रचना की यहाँ स्पष्ट रूप से लिखा है की वेद व्यास जी ने वेदो की रचना नहीं की तो कृपया उल जलूल तर्क देकर समय व्यर्थ न करे  अपना भी और मेरा भी। 


        अपना भी और मेरा भी मेरा मानना है की वेदो की शाखा भी वेद व्यास जी से पहले ही विद्यमान थी – क्योंकि वेद व्यास जी के पिता ऋषि पराशर जी पराशर संहिता में बहुत जगह वेद और वेदो की शाखाओ की बात करते हैं।


        अब यहाँ विचारणीय तथ्य ये है की यदि उपरोक्त वर्णित पुराण को प्रमाण माने तो वेदो को शाखाओ में विभक्त करने वाले वेद व्यास जी थे। तब कैसे पराशर जी ने अपने पराशर संहिता में वेद की शाखाओ का भी जिक्र किया।


      अब कुछ पौराणिक ये कहेंगे की व्यास उनके बेटे थे जब उन्होंने वेदो की शाखाये बना दी तब उन्होंने अपने ग्रन्थ में लिखा।


      तो मेरा सुझाव उनको ये है की जाके पहले अपना मुंह गरम पानी से धो ले और अपनी नींद को उत्तर लेवे तब बात करे।


      क्योंकि जब पराशर संहिता लिखी गयी तब वेद व्यास जी उत्पन्न नहीं हुए थे  अगर आप पौराणिक फिर भी मानते हैं तो कृपया प्रमाण ले आये।



Popular posts from this blog

ब्रह्मचर्य और दिनचर्या

वैदिक धर्म की विशेषताएं 

अंधविश्वास : किसी भी जीव की हत्या करना पाप है, किन्तु मक्खी, मच्छर, कीड़े मकोड़े को मारने में कोई पाप नही होता ।