जल में सौन्दर्य है

जल में सौन्दर्य है



      २- प्रभु की सृष्टि में प्रत्येक वस्तु का एक दूसरे से भेद है रंग में, गन्ध में, आकार में । परन्तु प्रत्येक वस्तु अपने आप में पूर्ण एकता रखती है। अतः प्रभु की प्रत्येक वस्तु सुहावनी और प्यारी तथा लाभदायक होती है और यदि कोई इन सब विभिन्न वस्तुओं का एक गुलदस्ता बना देवे-तो वह अतीव सुन्दर और सुशोभित बन जाता है यदि इसी नियम के अनुसार मानव समाज काम करे-तो सारी दुनियां सुहावनी लगे।


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