हम अपने आप को वह न दिखायें जो हम नहीं है

हम अपने आप को वह न दिखायें जो हम नहीं है



 


      आज हम ऐसे समय से गुजर रहें हैं जब कि जब हम अपनी वेषभूशा और षारिरिक बनावट के लिये बहुत पैसा खर्चते हैं और बहुत समय देते है। कोषिष यही होती है कि हम किसी खास मौके, अवसर, नौकरी के लिये या फिर सम्बन्ध बनाने के लिये अपने आप को ऐसा प्रस्तुत करें जो कि हम नहीं होतेकई बार यह बहुत नुकसान दायक भी होता हैखास कर विवाह षादियों के मामले में । क्योंकि ऐसे सम्बन्धों में आपसी विष्वास बहुत महत्व रखता हैबहुत से षादी रिष्ते इस लिये ही टूट रहें हैं क्योंकि दोनो पक्षों का आरोप यह होता था कि हमें असलियत का पता ही नहीं लगापता लगे भी कैसे क्योकि देख दिखाई से लेकर षादी तक पांच सितारा होटलों में ही सब कुछ होता है। आगे घरों में ही सब कुछ होता था और दोनों पक्षों को जानने वाला व्यक्ति बीच में होता था तो बहुत कुछ पता भी लग जाता है। असली बात यह है कि झूट कहें या फिर दिखावा , अधिक दिन नहीं छुपता, एक न एक दिन सामने आ ही जाता है। और जब सामने आता है तो दरार पडती है, और यह दरार कई बार घंभीर रूप ले लेती है। फिर वही होता है जो कि यह पंचतन्त्र की कहानी बताती है। दुख की बात यह है कि आज हमें मिडिया द्वारा परोसा ही यह सब कुछ जाता है। एक हफते में रंग सांवले से गोरा। एक हफते में 15 कीलो बजन कम करोऐसा गोरा किया रंग कुछ दिन तक ही रहता है और बजन फिर हुछ दिनों में वहीं पहुंच जाता है।


      एक गीदड़ अपने गांव से जब घूमता हुआ दूसरे गांव में गया तो वहां के कुते उसके पीछे पड़ गये। गीदड़ भागता हुआ, एक धोबी के नील से भरे टब में गिर गया । जब बाहर आया तो उसका रंग नीला हो गया था। जब कुतों ने नीले रंग का पषु देखा तो डर कर भाग गये, क्योंकि उन्होने पहले कभी ऐसे रंग का पषु नहीं देखा थाजब गीदड़ ने यह सब देखा तो दिल में बहुत खुष हुआ और उसने सोचा मुझे इस का फायदा उठाना चाहिये। उसने सभी पषुओं की सभा बुलाई और कहा कि उसे भगवान ने तुम सब का राजा बना कर भेजा है ताकि आप सभी लोग लड़ना बन्द करके मेरे कहे अनुसार चलें। 


      सभी पषुओं ने उसे अपना राजा मान लिया। गीदड़ का जीवन बहुत अच्छा चल रहा थाएक दिन जब गीदडों का झुंड वहां से गुजर रहा था वह जोर जोर से अपस में लड़ रहे थेराजा गीदड़ भूल गया कि वह तो नये रूप में रह रहा था और गीदड़ों की ही बोली मे चिल्लाया । पुषुओं को असलियत का पता लगने में समय न लगा और उन्होने गीदड़ को पकडत्र कर मार डाला यही हाल अक्सर होता है जब हम अपनी असलियत को छुपा कर रहते है।


      इस का सब से बड़ा नुकसान यह होता है कि समाज में क्ष्यक्ति की साख गिर जाती हैहम अपने आप को वह न दिखायें जो हम नहीं है


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