एक और शताब्दी
एक और शताब्दी
यह वर्ष देशवासियों के लिये एक और दृष्टि से भी बहुत महत्त्वपूर्ण है। आधुनिक युग में विमान का सर्वप्रथम आविष्कार करके उसकी उड़ान भरने वाले शिवकर बापू तलपदे एक देशभक्त भारतीय वैज्ञानिक की पुण्य तिथि की शताब्दी भी हम इस वर्ष मनायेंगे। मूलत: वह गुजराती थे, परन्तु मुम्बई में निवास करते थे। वह ऋषि के सच्चे, पक्के अनुयायी-विश्व के प्रथम आर्यसमाज के सदस्य थे। यदि उस समय देश स्वतन्त्र होता और कोई उत्साही प्रधानमन्त्री मोदी जैसा नेता होता तो आज शिवकर बापू तलपदे जी को विमान के आविष्कारक वैज्ञानिक के रूप में जाना जाता। एक देशभक्त वैदिक विद्वान् श्री विजय उपाध्याय द्वारा लिखित व सम्पादित एक खोजपूर्ण ग्रन्थ का परोपकारिणी सभा द्वारा प्रकाशन किया जा रहा है। इसमें तलपदे जी का दुर्लभ साहित्य भी होगा। वर्षों की सतत् साधना के फलस्वरूप श्रीमान् उपाध्याय जी यह अनूठा ग्रन्थ आर्य जाति को भेंंट कर रहे हैं।
क्या हम आशा करें कि गुजरात, महाराष्ट्र की देशप्रेमी जनता महर्षि दयानन्द, छत्रपति शिवाजी महाराज, शूर शिरोमणि श्याम जी भाई और सरदार पटेल से ऊर्जा प्राप्त कर इस शताब्दी को धूमधाम से मनायेगी। श्री शिवकर बापू तलपदे की जीवनी व उनके साहित्य के प्रसार में कौन सभा को आर्थिक सहयोग देने को आगे बढ़ता है-यह तो भविष्य बतायेगा।