देश हित में विचार

 


भाजपा की मुस्लिम नेता की दहाड़! कहा- रोहिंग्या आतंकियों के साथ-साथ उन मुसलमानों को भी भगाओ जो..


भाजपा की मुस्लिम नेता रूमाना सिद्दीकी के इस गजब के बयान से देश के सेकुलरों को जोर का झटका लगने वाला है. साथ ही देश के गद्दारों की भी सारी हेकड़ी निकल जाएगी.


देश के गद्दारों के लिए शायद इससे अच्छा जवाब और कुछ हो ही नहीं सकता. आईये हम आपको बताते हैं भाजपा नेता रूमाना सिद्दीकी जी के उस लेख के बारे में, जिसमें उन्होंने गजब की बातें लिखी हैं.


रूमाना सिद्दीकी जी का लेख.. 


“56 इस्लामिक देशों के पैरों की फुटबॉल रोहिंंगया मुसलमान” रोहिंग्या मुसलमान को भारत में बसा लो, राम जन्मभूमि पर अस्पताल बनवा दो, गाय खाने दो, हज सब्सिडी दो, ख़ून पसीने की कमाई को टैक्स में चुका दो, अल्पसंख्यक दर्जा दो, अलग राज्य दो और पुनः भारत के टुकड़े भी करवा दो। जिस थाली में खाएंगे, उसी में छेद कर डालेंगे।


धर्मनिरपेक्षता और मानवता का सारा ठेका हिन्दुओं ने ले रखा है क्या ? यह हिंदुस्तान है। इसके नाम में ही हिन्दू है। इस धर्म के साथ राष्ट्रीयता जुड़ी है। पाकिस्तान में 1 करोड़ 25 लाख हिन्दुओं ने दम तोड़ दिया, उनको मारा-काटा गया, बहन-बेटियों से बलात्कार किये गए, धर्म बदलवाया गया पर हिन्दू गद्दार नहीं होते राष्ट्रवाद और स्वाभिमान उनके ख़ून में होता है!


आखिर उन्होंने इतना ज़ुल्म होने के बाद भी अपना पाकिस्तान देश नहीं छोड़ा। उसकी कीमत भी चुकाई। बेचारे अब सिर्फ 10 लाख ही रह गए पाकिस्तान में। वहीं भारत में हिन्दुओं ने मुस्लिमों को फलने-फूलने का पूरा मौका दिया और 1947 में 2 करोड़ से 20 करोड़ तक आ पहुँचे।


हर देश का मुसलमां भारत में ही क्यों रहना चाहता है ? उनका अपना देश है। वहाँ से क्यों निकाले जाते हैं? फिर भारत में ही क्यों रहना चाहते हैं? शायद भारत में वे सबसे ज्यादा सुरक्षित है इसलिए। भारत के मुसलमां मुल्ला मौलाना मौलवी ओवैसी बुख़ारी जाकिर बरकती ये सब पाकिस्तान के गुणगान करते हैं, खाते भारत की और गाते पाक की। लहू में ही ग़द्दारी है और नसलें खराब हैं। आप तो पाक को अपना बाप मानते हो ना, फिर बोलो उस पाक से कि इन 20 लाख रोहंगिया मुस्लिमों को अपने देश में शरण दो। क्यों नही बोलते ?


आप दिन रात पीएम मोदी पर ही भौंकना जानते हो पर पाक के खिलाफ एक लफ्ज़ भी नहीं ? अरे बेशर्मो..! अपना घर, अपना ही होता है। अपना देश, अपनी जान होता है। कोई भी मुस्लिम देश न तो रोहंगिया को शरण देगा और न ही भारत के मुस्लमानों को। फिर चाहे दिन रात उनके तलवे चाटो। 70 साल से तो चाट ही रहे हो।


सऊदी अरब की टेंट सिटी मीना, जहां 50 स्क्वेयर किलोमीटर जमीन पर 5 लाख एयर कंडीशनर टेंट खाली पड़े हैं जो 50 लाख लोगों को बसेरा दे सकते हैं। ये टेंट फायर प्रूफ हैं और बाथरूम किचन से युक्त हैं, हज के बाद ये टेंट सिटी पूरे साल वीरान रहती है। फिर क्यों इन मुस्लिमों को उन में शरण नहीं दी जा सकती ? कम से कम खुले आसमान के नीचे तो नहीं सोना पड़ेगा और किसी काफ़िर के सामने हाथ भी नहीं फैलाना पड़ेगा।


शायद इनकी शक्ल सूरत अच्छी नहीं, इनके पास अपना कुछ नहीं, इनकी बीवियां बेटियां खूबसूरत नहीं, इनको इंसानों का मांस चाहिए, इनको विस्तार चाहिए और ऊपर से बम गोला बारूद AK 47 भी चाहिए। यही वजह है कि 56 इस्लामिक देशों में से एक देश के भी मुँह से नहीं फूटा कि मेरे मुस्लिम भाईयो, मेरे यहाँ आ जाओ, मैं तुम्हें शरण देता हूं।


भारत में जब से सम्राट अशोक ने अस्त्र शस्त्र त्याग दिए थे तब से भारत का विघटन शुरू हुआ और हिन्दुओं का कत्लेआम तब से आज तक हो रहा है। भारत ने मुस्लिमों को अफगानिस्तान, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे जमीन के बहुत बड़े भू- भाग दिए पर मुस्लिमों ने इन क्षेत्रों पर आतंकवाद, जेहाद की बड़ी फौज खड़ी की जिससे ये देश आज खुद ही परेशान हैं।


आखिर मुस्लिमों का भला कब होगा ? ये भारत में ही क्यों आते हैं ? ख़ून खौलता है इन सवालों से ही। भारत ने 10 करोड़ लोगों को अपने यहाँ शरण दी पर सबने भारत को नोच नोचकर खाया। 1972 में बांग्लादेश और पाकिस्तान से 2 करोड़ से ज्यादा मुस्लिमों को भारत में शरण दी गई जब उनको वहाँ से मार भगाया था। तब 56 मुस्लिम देशों की क्या आंखें फूट गईं थीं..?अब भारत को मानवता का पाठ पढ़ा रहे हैं।


मानवता, मानव के लिए होती है दानव के लिए नहीं। हमें भारत के हिन्दुओं मुसलमानों का पेट पालना है। हमारे बच्चों को भी घर, शिक्षा, रोजगार चाहिए। फिर हम अपने संसाधनों पर किसी दूसरे को हक क्यों दें ?


ऐसे मुस्लिमों को मार भगाओ जो साले देशद्रोही, भारत के तिरंगा को सलाम न कर सकें । राष्ट्रगान न गा सकें। इनको शरण दे दो भारत में..! पर भारत माता की जय और वंदेमातरम् नहीं बोलेंगे। ऊपर से भारत के खिलाफ ही जेहाद करेंगे। Ak 47 उठाएंगे। काहे के भारतीय हो बे फिर ? गोली मार देनी चाहिए ऐसे लोगों को।


आज भारत की मीडिया, मानवाधिकारवादी, राजनीतिक दल, 56 इस्लामिक देश और न जाने कौन-कौन पीएम मोदी को नसीहत दे रहे हैं। जैसे सभी का ख़ून है इस मिट्टी में किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़े ही है। हाँ.. हिन्दुओं के बाप का हिंदुस्तान है। रोहिंगया का कौन सा ख़ून है इस मुल्क़ की मिट्टी में..? कोई है जो जवाब देगा ? भारत के मुस्लिमों ने भी 1947 में पाकिस्तान के पक्ष में जनमत दिया था फिर भारत मुस्लिमों का कैसे..?


वैसे भी भारत अब कम्युनल हो रहा है, असहिष्णु हो रहा है। जब यहाँ रहकर देश का एक उपराष्ट्रपति तक डरता है फिर पहले से ही डरे हुए मुस्लिमों के इस देश में बेचारे रोहिंग्याओं को क्यों बसाया जाए?


जय हिन्द! वंदेमातरम्! भारत माता की जय!


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