दान
दानवीर कर्ण का है नाम हुआ बहुत ही जगत में सुनो
उसके जैसा ही कोई और दानवीर होना चाहिए ।
महिमा दान की तो बहुत है ज़रा इतना आप जान जाइए
सर्वस्व दान करने वाला सैनिक महान वीर चाहिए ।
अलग सभी चीज़ों का राशि अनुसार दान देना चाहिए ।
दान कर्म होता जिससे सब पुण्यों की प्राप्ति होती है
दान कर्म से सुनो अँधेरे भवन में जल जाती ज्योति है
दान - पुण्य करता जो है उसे मिले सुन लो बहुत खुशी है
दान - पुण्य करने वाले को तो मिलतीं जो भी आशीषें ,
मूक उनकी उन दुआओं की तो तासीर बहुत होती है ।
हर धर्म की है बात ये , धर्म - ज़रा सा आप कर जाइए
जीवन पूरा सफल होगा सदा खुशियों से ही भर लो तुम
कर्म सुनो इतना - सा ही बस अब आप तो कर ही जाइए
अनुशासन में बद्ध होता जीवन उन्हीं का ही तो रहे
पुण्य ज्ञान की ये बातें भी सब अब आप ही कर जाइए ।
आँखें दान , हृदय दान , रक्त दान की बातें निराली हैं
कुछ भी कहो तुम दान की बातें सब सुख देने वाली हैं
दान देने से सुन लो ये कष्ट होते ही हैं दूर सभी ,
स्वास्थ्य , आयु रक्षा हित दान की युक्ति मिलने वाली है
मोह माया से मुक्ति तो हम सब को ही मिलने वाली है ।