ब्रह्मलोक को कौन प्राप्त करता है

*ओ३म्*


 *(प्रश्र्नोपनिषद ५-७ से)*


*तमोंकारेणैवायतनेनान्वेति विद्रान। यत* *च्छान्तमजरमृतमभयं परच्चेति॥*
*(प्रश्ननोनिषद ५-७ से)*


*अर्थ :- ओ३म् के आवलंबन से ही विद्वान लोग ब्रह्मलोक को प्राप्त होते है । जो ब्रह्म शांत, अजर, अमर, अभय और सर्व (सब) से श्रेष्ठ है । ओ३म् का ध्यान करता हुआ जो प्राण का त्याग करता है वो ब्रह्मलोक को प्राप्त होता हैl*


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