बॉलीवुड इस्लामीकरण की ओर और रानी पद्मावती फिल्म की सच्चाई
बॉलीवुड इस्लामीकरण की ओर और रानी पद्मावती फिल्म की सच्चाई
किसी भी समाज में जो जीवन में घटित होती है उसे रुपहले परदे पर दिखाया जाना यही लोगो से उम्मीद रुपहले परदे पर की जाती है या पुरानी इतिहास को परदे पर दिखाया जाता है जो सच में घटित हुयी हो | यह काम पहले रुपहले परदे पर की जाती थी और यह समाज का आयना भी होती थी और होती है | कई ऐसे फिल्म है जो सच्ची जीवन पर घटित कहानी को दिखलाया गया है | आज वक्त बदल रहा है और आज सच को झूठ और झूठ को सच बतलाने की कोशिश की जा रही है और पुराने इतिहास को भी तोड़ मरोड़कर दिखलाने की कोशिस की जा रही है इसी क्रम में आज फिलहाल हम अभी रुपहले परदे पर बन रही फिल्म रानी पद्मावती और संजय लीला भंसाली की फिल्म रानी पद्मावती के बारे में चर्चा करेंगे |
रानी पद्मावती और संजय भंसाली की रानी पद्मावती फिल्म के बारे में आज बहुत चर्चा की जा रही है | सब बोल रहे हैं की संजय लीला भंसाली ने इतिहास के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की है | क्या वे इतिहास के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की है इस पर हम चर्चा बाद में करेंगे | चर्चा करने से पहले हमें यह जानना चाहिए की ये आखिर रानी पद्मावती हैं कौन ? रानी पद्मावती के बारे में पहले चर्चा की जाए पहले |
रानी पद्मिनी, चितोड़ की रानी थी। रानी पद्मिनि के साहस और बलिदान की गौरवगाथा इतिहास में अमर है। सिंहल द्वीप के राजा गंधर्व सेन और रानी चंपावती की बेटी पद्मिनी चितोड़ के राजा रतनसिंह के साथ ब्याही गई थी। रानी पद्मिनी बहुत खूबसूरत थी और उनकी खूबसूरती पर एक दिन दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी की बुरी नजर पड़ गई। अलाउद्दीन किसी भी कीमत पर रानी पद्मिनी को हासिल करना चाहता था, इसलिए उसने चित्तौड़ पर हमला कर दिया। रानी पद्मिनी ने आग में कूदकर जान दे दी, लेकिन अपनी आन-बान पर आँच नहीं आने दी। ईस्वी सन् १३०३ में चित्तौड़ के लूटने वाला अलाउद्दीन खिलजी था जो राजसी सुंदरी रानी पद्मिनी को पाने के लिए लालयित था। श्रुति यह है कि उसने दर्पण में रानी की प्रतिबिंब देखा था और उसके सम्मोहित करने वाले सौंदर्य को देखकर अभिभूत हो गया था। लेकिन कुलीन रानी ने लज्जा को बचाने के लिए जौहर करना बेहतर समझा।
जौहर क्या होता है अब आप यह जानना चाहते होंगे जौहर को दुसरे शब्दों में आप सती होना आप बोल सकते हैं | ज्यादा इतिहास की ओर जाना सही नहीं | पद्मावती जिन्हें पद्मिनी के नाम से भी जाना जाता है के बारे में ज्यादा चर्चा ना करके मुद्दे की बात करते हैं रानी पद्मावती फिल्म की ओर चर्चा की जाए |
यह लेख लिखने से पहले मैं आपको बतलाना चाहता हु की जब मैंने भी पहली बार यह सुना की रानी पद्मावती की जीवन के इतिहास के साथ खिलवाड़ करने जा रही है संजय लीला भंसाली तो मैं भी बहुत गुस्से में था मुझे भी लग रहा था की संजय लीला भंसाली को करनी सेना ने जो कुछ किया सही किया और उसका हमें भी समर्थन करनी चाहिए | इस बारे में मैंने फिल्म इंडस्ट्री के लोगो से बात की क्यूंकि मेरी जान पहचान है उनलोगों से | मैं ये नहीं बोल रहा की बॉलीवुड के फिल्म इंडस्ट्री से मेरा जान पहचान है मगर देश के दुसरे फिल्म इंडस्ट्री के लोगो से जान पहचान है सही जानकारी नहीं बतलाना चाहता की साउथ की फिल्म इंडस्ट्री से जान पहचान है या फिर नार्थ की फिल्म इंडस्ट्री से जान पहचान क्यूंकि सभी राज्य में उनकी बोली भाषा के आधार पर फिल्म इंडस्ट्री है चलिए मुद्दे पर लौटते हैं फिर से | जब उनसे चर्चा की गयी तो उन्होंने मेरे को कुछ जानकारी दी जिसके बाद लगा की जिनसे चर्चा मैंने की है उनकी बात में सच्चाई है | सबसे पहले मेरे मित्र ने जानकारी दी की वह भी फिल्म में काम करता है और वह कैमरामैन जिसे फिल्म इंडस्ट्री सिनेमाटोग्राफर या डायरेक्टर ऑफ़ फोटोग्राफी भी कहते हैं का काम करते है साथ में फिल्म का एडिटर भी हैं वो | उन्होंने पहला सवाल किया की फिल्म की स्क्रिप्ट क्या है यह बात सिर्फ डायरेक्टर और स्क्रिप्ट राइटर को होता है यहाँ तक फिल्म में जब शूटिंग होती है तो फिल्म के स्टाफ कैमरामैन तक को यह नहीं मालुम होता की जो शूटिंग की जा रही है वह फिल्म में किस जगह पर ली जायेगी ? फिल्म की क्या स्क्रिप्ट है यह कैमरामैन तक को मालुम नहीं होता ? फिर इन मीडिया वालो को और उस जगह के करणी सेना को किसने फिल्म की जानकारी दे दी | एक बात आपको जानकारी देना चाहता हु केवल राजनीती में ही राजनितिक पार्टी राजनीती करते हैं फिल्म इंडस्ट्री में भी राजनीति होती है और यह राजनीति का एक हिस्सा है | मैं जानता हु क्या राजनीति है इस फिल्म को लेकर मगर यहाँ चर्चा करना सही नहीं | हां मैं भी बोलता हु यदि संजय लीला भंसाली की फिल्म में कुछ इतिहास के साथ खिलवाड़ करे तो आप उसका विरोध करे क्यूंकि कोई भी इतिहास के खिलाफ खिलवाड़ करे हमें स्वीकार नहीं | मगर जब तक किसी ने फिल्म नहीं देखि तो जब उस बारे में कोई जानकारी नहीं तो आवाज़ उठाना सही नहीं |
अभी फिलहाल कुछ दिन पहले रईस फिल्म आई है सोशल मीडिया पर बोला जा रहा है की की यह कहानी गुजरात के एक माफिया अब्दुल लतीफ़ जो हिन्दुओ को कत्ले आम करता था उस पर फिल्म बनायीं है और उसे हीरो बताया गया है और यह आजकल फिल्म बहुत हिट हो रही है पैसे कमा रही है | इतना ही नहीं फिल्म फना में एक आतंकवादी की प्रेम कहानी दिखाई गयी है जिसे भी लोगो ने सराहा | कुछ साल पहले एक फिल्म आई थी हैदर जिसमे भारतीय सेना को विल्लेन और एक आतंकवादी को सही बतलाया गया था | आज चलो कितने फिल्म आती हैं अरे आर्य समाज की भजन की बात को छोड़ दो आप पौराणिक की भी भजन फिल्म में नहीं आती | बस इस्लाम की गाने को ज्यादा तव्वजो दी जाती है और हम उन सब की फिल्म को देखकर और जो जानकार नहीं है उनकी बातो में आ जाते हैं | फिल्म pk को ही देख लो | आज बॉलीवुड इस्लामीकरण की ओर जा रहा है इससे हमारे संस्कृति को हानि होगी | हमें उस तरह की फिल्म का बहिस्कार करनी चाहिए मगर हम लोग उन फिल्मो को स्वीकार करते है | आये उस तरह की फिल्म का बहिस्कार करें शाहरुख सलमान आमिर की फिल्म का बहिस्कार करें | और जो जो फिल्म इस्लामिकरन की ओर बॉलीवुड को धकेल रही है उसका विरोध करें और फिर से बॉलीवुड को समाज की आयना बनाने का प्रयास करें |