भूत क्या है
भूत क्या है ?
भूत शब्द का अर्थ है जो हो चुका है अब नहीं है। मृत्यु के बाद व्यक्ति को भूत इसलिए कहते हैं कि अमुक नाम का व्यक्ति अब नहीं रहा। देह को भी जब जला देते हैं या दफना देते हैं , तब भी हम कहते हैं कि देह थी, अब नहीं है। अर्थात भूतकाल में चली गई ।वर्तमान में नहीं है। जीवात्मा कभी भूत नही कहलाती है क्योंकि यह तीनों कालों में रहती है। जीवात्मा कभी मरती नहीं। केवल पुराने जीर्ण-शीर्ण हो चुके शरीर को बदलती है। जीव आत्मा बिना शरीर के कोई काम नहीं कर सकती। ऐसा नहीं होता कि पहले नहीं थी अब हो गई या अब है आगे नहीं रहेगी । यह जीवात्मा नित्य है। जिसने जन्म लिया है , उसकी मौत अवश्य होगी और जिसकी मौत हुई है उसका जन्म भी अवश्य होगा।
इस लिए भूत, प्रेत, पिशाच, चुड़ैल आदि किसी जीव जंतु का कोई अस्तित्व नहीं होता।