भूखे नंगे देखते , आया क्या नव साल ।
भूखे नंगे देखते , आया क्या नव साल ।
जैसे पहले हम रहे , बदला अपना हाल ।।
बदला अपना हाल , वसन जो फटा पुराना ।
रहते हम खुशहाल ,कहे क्या हमें जमाना ।।
कहते संत फकीर , बुरे जन करते दंगे ।
फोड़ो बम तुम आज ,रहे हम भूखे नंगे ।।