भक्त ब्रह्मज्ञानी के अपमान का फल

भक्त ब्रह्मज्ञानी के अपमान का फल



      जो मनुष्य किसी भक्त-ब्रह्मज्ञानी का अपयश करता है, अपमान करता है उसकी वह शक्ति क्षीण (नष्ट) होने लगती है जिस पर उसको अभिमान होता है । अपने धनबल का अभिमान होगा तो धन, मान-प्रतिष्ठा का अभिमान होगा तो मान-प्रतिष्ठा, विद्या-बुद्धि एवं जिस गुण का अभिमान होगा, और उस गुण के अभिमान में दूसरे का अपमान करेगा, वही गुण उसका घटेगा।


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