बड़ी श्रद्धा से सत्संग में आते चलो
बड़ी श्रद्धा से सत्संग में आते चलो
बडी श्रद्धा से सत्संग में आते चलो।
मन को विषयों के विष से हटाते चलो।।
देखना इन्द्रियों के न घोड़े भगे।
रात-दिन इनको संयम के कोड़े लगे।
अपने रथ को सुपथ पर चलाते चलो, बड़ी श्रद्धा.....
काम करते रहो नाम जपते रहो।
पाप की वासनाओं से बचते रहो।।
प्रेम भक्ति के आँसू बहाते चलो। बड़ी श्रद्धा ......
प्राण जायें मगर प्रभु को भूलो नहीं।
दुःख में तड़पो नहीं, सुख में फूलो नहीं।।
नाम धन का खजाना बढ़ाते चलो। बड़ी श्रद्धा ......