आर्यसमाज प्रश्नोत्तरी-गीत

 



आर्यसमाज प्रश्नोत्तरी-गीत
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   प्रश्न- बताओ कौन करेगा? 
   उत्तर- आर्य-समाज!  आर्य-समाज! 
   (प्रत्येक पद्य के अन्त में टेक के रूप में "आर्यसमाज- आर्यसमाज" कहैं।) 


   व्यापक ब्रह्म अखिल भुवनेश्वर,  सबका आदिमूल परमेश्वर। 
   सृजन-प्रलय करता जो ईश्वर; उसे पूज्य स्वीकार,  बताओ कौन करेगा? 


   पुस्तक जो सब सद्विद्या का,  प्रभु- प्रदत्त उपहार प्रजा का। 
   कर लेकर ओम् की पताका; जग में वेद-प्रचार, बताओ कौन करेगा? 


   जिओ और जीने दो सबको, मिलकर दलो द्वेष-दानव को; विश्व एक परिवार,  बताओ कौन करेगा? 


   भूलों को सन्मार्ग दिखाकर,  दलित-  अछूतों को अपनाकर। 
   दुखी- दीन को गले लगाकर; पतितों  का उद्धार,  बताओ कौन करेगा? 


   ईर्ष्या-द्वेष-घृणा का बोधक, उन्नति-प्रगति-पन्थ- अवरोधक। 
   बनकर 'मित्र' सफल संशोधक; जातिवाद संहार,  बताओ कौन करेगा? 


   ईश सच्चिदानन्द अधीश्वर,  सत्-चित् जीव भोग में तत्पर। 
   प्रकृति भोग्य केवल है सत् भर; त्रैतवाद विस्तार,  बताओ कौन करेगा? 


   अन्योन्नति ही में निज उन्नति,  सबकी सर्वांगीण समुन्नति। 
   समझ सुखी-सन्तुष्ट नित्य-प्रति; अखिल-लोक -उपकार,  बताओ कौन करेगा? 


   मिटा अविद्या औ' अनीति को,  हटा निरुद्यम-जनित-भीति को। 
   श्रम-सेवा-तप-रहित रीति को; पाप-पुंज परिहार,  बताओ कौन करेगा? 


   पिता एक सब बन्धु परस्पर, इष्ट एक ही है सब ही कर। 
   यही मान्यता मान निरन्तर; मानवता से प्यार,  बताओ कौन करेगा? 


   पावक,  पवन,  गगन,  जल-थल में, ओषधि,  वृक्ष,  वनस्पति-दल में। 
   अखिल विश्व में अवनी-तल में, स्वस्ति, शान्ति-संचार,  बताओ कौन करेगा? 


   नहीं किसी से संगर जोड़ो,  छेड़े तुम्हें उसे मत छोड़ो। 
   दुष्ट-दमन से मुंह मत मोड़ो; निर्भय यह उच्चार,  बताओ कौन करेगा? 


   बिछुड़े बन्धु हमारे हम से,  विधर्मियों के छल-बल भय से। 
   आज, अभी या अधिक समय से; इस कृति का प्रतिकार,  बताओ कौन करेगा? 
   आर्यसमाज!  आर्यसमाज!! 


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