आनन्दप्राप्ति के लिए स्वामी बनना पड़ेगा

आनन्दप्राप्ति के लिए स्वामी बनना पड़ेगा



      ६. पशु कभी झूला नहीं झूलता। मनुष्य झूलता है। पर जिसने झूले में झूलना हो, उसे स्वामी बनना चाहिएक्योंकि झूले में बैठकर स्वयं नहीं झूला जाता, सेवक की आवश्यकता होती है । दास-सेवक झूला नहीं झूल सकते। स्वामी (स्वतन्त्र) ही झूल सकते हैं। आनन्द प्राप्ति के लिए मनुष्य को स्वामी बनना पड़ेगा (अपने आप का स्वामी)। जिसने अभी अपने आपको नहीं जाना-वह दास है उसे स्वर्ग कहाँ ?


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