Dealing with corrupt persons 

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1.   कर्शफस्य विशफस्य द्यौः पिता पृथिवी माता  ।


यथाभिचक्र देवास्तथाप कृणुता पुनः  । ।AV3.9.1


हाथ पेर से काम करके  जीने वाले और बिना हाथ पेर के अपना जीवन  चलाने  वालों दोनो को प्रकृति ने समान रूप से जन्म दिया है. यह  प्रकृति का चक्र है जो इसी प्रकार से चलता रहता है.


2.   अश्रेष्माणो अधारयन्तथा तन्मनुना कृतं  ।


कृणोमि वध्रि विष्कन्धं मुष्काबर्हो गवां इव  । । AV3.9.2


(अश्रेष्माण: ) त्रिदोश रहित अनासक्त दयालु  मनन करनेवाले विचारशील जन ही (अधारयन) पालन पोषन करते हैं.   (विष्किन्धम्‌) कार्य प्रगति के मार्ग में प्रतिबन्धक सभी विघ्नों को (अधार्मिक भ्रष्टाचारी) जनों से मुक्त करने के लिए  उद्दन्ड पशुओं को जैसे मुष्टिका और बाहुबल से बधिया निर्वीर्य किया जाता है वैसे ही इन तत्वों को समाज में निर्वीर्य करो.


3.   पिशङ्गे सूत्रे खृगलं तदा बध्नन्ति वेधसः  ।


श्रवस्युं शुष्मं काबवं वध्रिं कृण्वन्तु बन्धुरः  । । AV3.9.3


(श्रवस्युम्‌) – (श्रवस्युम्‌) लोकैषणा यश को अपने साथ जोड़ने की कामना करने  वालों को . (शुष्मम्‌) वित्तैषणा – धन की कामना से शोषण करने वालों,(काबवम्‌) जीवन को अनुराग युक्त पुत्रैषणा पित्र मोह से ग्रसित क्रूर लोगों को (वेधस: ) विधि विधान जानने वाले ज्ञानी जन भिन्न भिन्न – नीतियों के कवच से (बध्रिम्‌ कृण्वन्तु) बधिया करो – उन  के प्रभाव को निष्फल करो .


4.   येना श्रवस्यवश्चरथ देवा इवासुरमायया  ।


शुनां कपिरिव दूषणो बन्धुरा काबवस्य च  । ।AV3.9.4


असुरों के समान मायावी छल कपट से अनुचित साधनों से अपनी कीर्ति और सम्पत्ति को चाहने वाले देशद्रोही क्रूर जन जो देवताओं के समान विचर रहे हैं उन क्रूर प्राणियों के बीच उत्पात मचा कर उन्हें आपस में ऐसे लड़ा  दो जैसे कुत्तों के बीच में उत्पाती बन्दर के आने से होता है.


5.    दुष्ट्यै हि त्वा भत्स्यामि दूषयिष्यामि काबवं  ।


उदाशवो रथा इव शपथेभिः सरिष्यथ  । । AV3.9.5


दुष्ट क्रूर  विघ्नकारी जनों को बांधकर ही तुम प्रगति के कार्य की योजना की शपथ ले कर तीव्र गति वाले अश्वो से युक्त रथों  से अपने मार्ग पर अग्रसर हो सकोगे.


6.   एकशतं विष्कन्धानि विष्ठिता पृथिवीं अनु  ।


तेषां त्वां अग्रे उज्जहरुर्मणिं विष्कन्धदूषणं  । । AV3.9.6


एक सौ एक (विष्किन्धानि ) कार्य प्रगति के मार्ग में प्रतिबन्धक रोक लगाने वाले (अधार्मिक भ्रष्टाचारी) जन जो पृथ्वी पर स्थापित है उन  से मुक्त करने के लिए (तेषाम्‌‌ अग्रे )  उन के बीच मुख्याधिकारी (ऊज्जहरुर्मणिं) शिरोमणि अधिष्ठाता नियुक्त क्रो जो (विष्किंधदूषणम्‌) विघ्नकारी जनों के प्रदूषन को दूर करे |


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