ये चुगलखोर दीवारें


ये चुगलखोर दीवारें 


          हाँ, ये दीवालें बड़ी चुगलखोर होती है। कहा है न कि 'दीवालों के भी कान होते हैं।' कभी किसी की निन्दा एकान्त में भी नहीं करो। इन दीवारों की ओट में अड़ोस-पड़ोस की और कभी-कभी सम्बन्धियों में से कुछ कुलटा स्त्रियाँ जिनका काम ही एक दसरे की निन्दा और चगली करना है 'बिगाड' ही जिनका धन्धा है, किसी की हरी-भरी गृहस्थी की होली जलाकर ही जिनका भोजन पचता है, वे अभागी स्त्रियाँ विरोध की इस चिनगारी को हवा देने के लिए तैयार बैठी रहती हैं। और देखते-देखते अच्छे-अच्छे गृहस्थ स्वाहा हो जाते हैं। अतः सदा इन चुगलखोरों से सावधान रहोप्रत्यक्ष में ये आपको बड़े हितैषी लगेंगें पर वस्तुतः ये आपके घोर शत्रु हैं।


Popular posts from this blog

ब्रह्मचर्य और दिनचर्या

वैदिक धर्म की विशेषताएं 

अंधविश्वास : किसी भी जीव की हत्या करना पाप है, किन्तु मक्खी, मच्छर, कीड़े मकोड़े को मारने में कोई पाप नही होता ।