विद्या क्रम

     


         प्र.) विद्या को किस किस क्रम से प्राप्त हो सकता है?


            उ.) वर्णोच्चारण, व्यवहार की शुद्धि, पुरुषार्थ, धार्मिक विद्वानों का संग विषयकथा प्रसंग का त्याग, सुविचार से व्याकरण आदि शब्द अर्थ और सम्बन्धों को यथावत् जानकर, उत्तम क्रिया करके सर्वथा साक्षात् करता जाये। जिस-जिस विद्या के लिये जो-जो साधनरूप सत्यग्रन्थ हैं, उन-उनको पढ़कर वेदादि पढ़ने के योग्य ग्रन्थों के अर्थों को जानना आदि कर्म शीघ्र विद्वान् होने के साधन हैं।।


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