विद्या और अविद्या/न्याय और अन्याय
प्र.) विद्या और अविद्या किसको कहते हैं?
उ.) जिससे पदार्थ यथावत् जानकर न्याययुक्त कर्म किये जावें वह विद्या और जिससे किसी पदार्थ का यथावत् ज्ञान न होकर अन्यायरूप कर्म किये जायें वह अविद्या कहाती है।।
प्र.) न्याय और अन्याय किसको कहते हैं?
उ.) जो पक्षपात रहित सत्याचरण करना है, वह न्याय और जो पक्षपात से मिथ्याचरण करना है ,वह अन्याय कहाता है |