वेद-सविता' (मासिक) के नियम

'वेद-सविता' (मासिक) के नियम


१      आजीवन शुल्क : १५०; विदेशों में : ३००; पर हवाई डाक से ५०० । संस्थानों को  आजीवन  ग्राहक नहीं बनाया जाता है । वार्षिक शुल्क : रु १२; विदेशों में : रु ३०; पर हवाई डाक से रु ७० ।


२       ग्राहकी आरम्भ करने के मास : फ़रवरी, मई, अगस्त, नवम्बर । ग्राहकी-समाप्ति का मास : जुलाई।


३      जो संस्थाएं ग्राहक बनने, अथ वा ग्राहकी-नवीकरण, के लिए बिल मगाती हैं उन्हें बिल के भुगतान तक अङ्कों का प्रेषण प्रारम्भ नहीं किया जाता है। भुगतान प्राप्त होने पर जिन पुराने अकों की प्रतियाँ समाप्त हो चुकी होंगी उन्हें भेजने में मजबूरी रहेगा। .. .


४     अङ्क का प्रेषण पूर्व-मास की २८ तारीख को होता है।


५     अङ्क मास की ७ तारीख तक प्राप्त न हो तो अप्राप्त अङ्क की प्रति मंगाने के लिए मास की १५ तारीख तक सूचना वेद-संस्थान को मिल चुकनी चाहिए। ६ पते में परिवर्तन की सूचना २० तारीख तक मिल जाने पर ही नए पते पर अङ्क भेजना सम्भव होगा।


७    जिन ग्राहकों की ग्राहकी पूर्व-मास के अङ्क के साथ समाप्त हो चुकी होती है, ग्राहकी-नवीकरणार्थ उनका शुल्क प्राप्त न होने पर अथ वा अन्य कोई निदेश न मिलने पर अगला अङ्ग वी पी द्वारा भेजा जाता है। यदि किसी ग्राहक को वी पी-प्रेषण पसन्द न हो तो उन्हें यह तथ्य तुरन्त सूचित कर देना चाहिए।


८      व्यवस्था-विषयक पत्र व्यवहार के लिए पता : सचिव, साहित्य-सदन, वेद-संस्थान, बाबू मोहल्ला ब्यावर रोड, अजमेर ३०५ ००१ । पत्र-व्यवहार में अपनी ग्राहक-संख्या का उल्लेख अवश्य कर दें, जो रैपर पर, ऊपर दाएँ कौन पर, अंकित होता है।


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