वैदिक धर्म सनातन है

वैदिक धर्म सनातन है


सुनो, सुनो ए दुनियावालों! वैदिक धर्म सनातन है। 


जितनी पुरानी सृष्टि, उतना ही वेद पुरातन है।।


राम-चित्र की पूजा करते चरित्र नहीं अपनाते हैं।


योगेश्वर थे जो, उनका भोगेश्वर रूप दिखलाते हैं।


पूर्वजों के चरित्र छोड़ जो चित्र-पूजा अपनाते हैं


होते है अरक्षित वे तो, अपना अस्तित्व गँवाते हैं


राम कृष्ण की सच्ची पूजा वैदिक धर्म स्थापन है।।


धन से ईसाइयत, हिंसा से हुआ इस्लाम का विस्तार है,


हिंसा-विरूद्ध जन्मा बौद्ध, कर रहा मांस का आहार है,


पुराणों का भी क्या कहना, न गप्प का कोई पारावार है,


व्यक्ति जात मतों का न कोई पूर्ण सत्य आधार है।


इन मिथ्या मतों के कारण, अभी वेद-सूर्य तमाच्छन है।।


बाइबिल की धरा चपटी, सूरज भ्रमण करता हैं,


कुरान का विज्ञान, नबी चाँद के टुकड़े करता हैं,


बौद्ध, मत, सिद्धान्त भी, विज्ञान पर कहाँ ठहरता है,


पौराणिक गप्प भी सत्य पर खरा नहीं उतरता है।।


विज्ञान ने इन ग्रंथों का हिला दिया अब आसन है।।


सर्वज्ञ, ईश, ज्ञान में, विज्ञान विरोध का स्थान नहीं है,


कहते हैं जो वेद, कहता आधुनिक विज्ञान वही हैं,


वेद-विज्ञान दोनों में धरती सदा गतिमान रही है,


ग्रहों सहित सूर्याकर्षण में यह वर्तमान मही है।।


आज विज्ञान ही कर रहा वैदिक सत्य का सत्यापन है।।


कहता है 'ब्राउन' विज्ञान वैदिक धर्म का आधार है,


'जैकोलियट' के शब्दों में, वैज्ञानिक वेद के विचार हैं,


हवीलर' की दृष्टि में विद्युत-विमान ऋषि-अविष्कार हैं,


स्नायु-तंत्र-ज्ञान, ऋग्-अवदान 'रैले' के अनुसार हैं।


विद्वानों के कथनों से हो रहा अब वेद का विज्ञापन है।।


सुनो, सुनो ए दुनियावालों! वैदिक धर्म सनातन है।


                                                   -बी-214. सेटेलाइट कॉलोनी, पो.-धुर्वा जिला-रांची


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