वह

वह 


      वह आह्वाता है । वह बुलाता है। वह अपनी सष्टि की अद्भुत रचना के द्वारा हमें बुलाता है, हमें अपनी ओर आकृष्ट करता है । सूननेवालों को प्रकृति के कण कण से उसका आह्वान (बुलावा) 'सूनाई देता है। फिर, कभी वह बुलाता है सुख की जिह्वा से, तो कभी वह बुलाता है दु:ख की जिह्वा से । जो सुनना जानते हैं उन्हें सुख में भी उसका आह्वान सूनाई देता है और दुःख में भी। कुछ हैं जो सुख पाकर उसकी ओर आकृष्ट होते हैं। बहत हैं जो सूख पाकर नहीं दुःख पाकर उसके अाह्वान को सुनते हैं और उसकी अोर प्राकृष्ट होते हैं । बच्चा बाहर खेल रहा होता है। माता उसे बुला रही होती है। खेल के सुख में वह अनसुनी कर देता है और मां के समीप नहीं जाता है। बच्चों में झगड़ा हो जाता है, मार- पिटाई हो जाती है। मुन्ना 'मां मां' चिल्लाता हा मां के पास भागा जा रहा है। मां के पास पहुंच कर मां से चिमट जाता है, मां को आत्मसमर्पण करता है। मां उसके प्रात्मसमर्पण को स्वीकार करती है, उसे गोद में उठा लेती है। उसे प्यार करती है। उसे सान्त्वना देती है। बच्चा शान्त हो जाता है, हंसने लगता है, प्रसन्न हो जाता है। मां मिठाई देती है। वह खाने लग " जाता है।


         वह श्राहाता है  । वह बुलाता है। कुछ हैं जो प्रकृति के वैचित्र्य की जिह्वा द्वारा किए गए उसके आह्वान को सुनकर उसके प्रति अपना पूर्ण आत्मसमर्पण कर देते हैं। कुछ हैं जो सुख में निहित उसके आह्वान का श्रवण करके अपने को उसके समर्पित करते हैं। बहुत अधिक संख्या उनकी होती है जो दु:ख में अन्तर्निहित उसके आह्वान को सुनकर उसे समर्पित होते हैं।


        वह श्राहाता है । जो उसके प्रति समर्पित होता है, वह प्रभु उसे स्वीकार करता है । वह उसे अपनी शरण में ले लेता है।


        वह दाता है । वह देता है। वह जिसे अपनी शरण में ले लेता है, वह जिसके आत्मसमर्पण को स्वीकार कर लेता है उसे रक्षण प्रदान करता है, सान्त्वना देता है, ज्योति प्रदान करता है, प्रकाश प्रदान करता है, शाश्वत शान्ति देता है, आनन्द देता है, आत्मिक बल प्रदान करता है, पवित्रता देता है, दिव्यताएं देता है, रत्न और रयि प्रदान करता है, श्रेयः और स्वस्ति देता है।


                                                                             -वेदव्याख्या-ग्रन्थ, प्रथम पुष्प     [में ऋग्वेद १. १. १ की व्याख्या] 


                                                                                                                                                     


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