शिक्षा की उपयोगिता


शिक्षा की उपयोगिता


      १. शिक्षा वह वृत्त है जिसके पालन करने से कुमार ब्रह्मचारी शिष्यत्व को प्राप्त होता है


      २. शिक्षा वह आचरण है जो अन्तेवासी को विद्यार्थी-पद प्रदान करता है।


      ३. शिक्षा वह अनुशासन-प्रक्रिया है जिससे कुमार ब्रह्मचारी व्रती बन पाता है


      ४. शिक्षा वे आदेश और उपदेश हैं जो ब्रह्मचारी में मूर्तरूप लेते हैं।


      ५. शिक्षा वह चिन्तन-पद्धति है जिससे कुमार ब्रह्मचारी अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करता है।


      उपरिलिखित बिन्दुओं को भगवान् पाणिनि ने 'शिक्षविद्योपदाने" धातु में समेट दिया है। शिक्षा विद्या का उपादान कारण है।


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