रक्षा-सूत्र


रक्षा-सूत्र


        रक्षा-बन्धन का पुण्य पर्व भाई-बहिन के सहज प्रेम की कैसी पवित्र अभिव्यक्ति है। 'रक्षा' के इन धागों में बहिन की  कितनी ममता, कितना प्यार और कितनी आशिर्षे गुंथी रहती हैं। 'रक्षा सूत्र' के आह्वान की मुसलमान शासक तक उपेक्षा नहीं कर सके। रानी कर्णवती द्वारा भेजे गये रक्षा-सूत्र को स्वीकार कर मुगल बादशाह हुमायूँ को हम कर्णवती की रक्षार्थ युद्ध क्षेत्र में देख सकते हैं- और वह भी एक मुस्लिम शासक के विरुद्ध ! कैसा विचित्र  जादू है भाई-बहिन के निश्छल प्यार के पुण्य प्रतीक-इस रक्षा सूत्र में !


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