पुरुषार्थ

   


       प्र.) पुरुषार्थ किसको कहते और उसके कितने भेद हैं?


          उ.) उद्योग का नाम पुरुषार्थ और उसके चार भेद हैं। एक-अप्राप्त इच्छा। दूसरा-प्राप्त की यथावत् रक्षातीसरा-रक्षित की वृद्धि और चौथा-बढाये हुए पदार्थों का धर्म में खर्च करना, पुरुषार्थ के भेद हैंजो-जो न्याय धर्म से युक्त क्रिया से अप्राप्त पदार्थों की अभिलाषा करके उद्योग करनाउसी प्रकार से उसकी सब ओर से रक्षा करनी कि वह पदार्थ किसी प्रकार नष्ट-भ्रष्ट न हो जाये। उसको धर्मयुक्त व्यवहार से बढ़ाते जाना और बढ़े हुए पदार्थ को उत्तम व्यवहारों में खर्च करना; ये चार भेद हैं।


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