प्रभु-भक्त की कामना

प्रभु-भक्त की कामना


रंग वाले देर क्या है, मेरा चोला रंग दे


और सारे रंग धोकर, रंग अपना रंग दे ||१|


कितने ही रंगों से मैंने, आज तक रंगा इसे ।


पर वे सारे फीके निकले, तू ही गाढ़ा रंग दे ॥२॥


तूने रंगी है जमी, अरु आसमां जिस रंग से।


उस में मेरा चोला भी, ए रंग वाले रंग दे ॥३॥


जिस तरफ मैं देखता हूं, रंग तेरा दीखता।


मैं ही बस बे रंग हूं, तु मुझ को भी रंग दे ||४||


मैं तो जानूंगा तभी, तेरी ये रंग अन्दाजियां ।


जितना धोऊं उतना चमके, जब तू ऐसा रंग दे।।५।।


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