ओम् है जीवन हमारा, ओम् प्राणाधार है (भजन)
ओम् है जीवन हमारा, ओम् प्राणाधार है (भजन)
ओम् है जीवन हमारा, ओम् प्राणाधार है।
ओम् है कर्त्ता विधाता, ओम् पालनहार है ||१|
ओम् है दुःख का विनाशक, ओम् सर्वानन्द है ।
ओम् है बल-तेजधारी, ओम्-करुणा कुन्द है ||२|
ओम् सबका पूज्य है, हम ओम् का पूजन करें ।
ओम् ही के ध्यान से हम, शुद्ध अपना मन करें ॥३॥
ओम् के गुरु मन्त्र जपने, से रहेगा शुद्ध मन ।
बुद्धि दिन प्रतिदिन बढ़ेगी, धर्म में होगी लगन ||४||
ओम् के जप से हमारा, ज्ञान बढ़ता जायगा।
अन्त को यह जाप हम को, मुक्ति तक पहुंचायेगा।।५।।