मनुष्यों को विद्वान् वा धर्मात्मा होने का सम्भव है वा नहीं

                         


    प्र.) सब मनुष्यों को विद्वान् वा धर्मात्मा होने का सम्भव है वा नहीं?


     उ.) विद्वान् होने का तो सम्भव नहीं परन्तु जो धर्मात्मा हुआ चाहें तो सभी हो सकते हैं। अविद्वान् लोग दूसरों को धर्म में निश्चय नहीं करा सकते और विद्वान् लोग धार्मिक होकर अनेक मनुष्यों को भी धार्मिक कर सकते हैं और कोई धूर्त मनुष्य अविद्वान् को बहका के अधर्म में प्रवृत्त कर सकता हैपरन्तु विद्वान् को अधर्म में कभी नहीं चला सकता क्योंकि जैसे देखता हुआ मनुष्य कुए में कभी नहीं गिरता परन्तु अन्धे को तो गिरने का सम्भव है। वैसे विद्वान् सत्यासत्य को जान के उसमें निश्चित रह सकते ओर अविद्वान् ठीक-ठीक स्थिर नहीं रह सकते हैं।


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