महान आर्य नेता ठाकुर विक्रमसिंह आर्य
महान आर्य नेता ठाकुर विक्रमसिंह आर्य
आर्य जगत के सब नर-नारी, आगे कदम बढ़ाओ तुम।
करो वेद प्रचार जगत् में, जग को स्वर्ग बनाओ तुम।।
जगत् गुरु ऋषि, दयानन्द ने, सोया जगत् जगाया था।
विष के प्याले पीकर जग को, वेदामृत पिलाया था।
विघ्न और बाधाओं से वह, कभी नहीं घबराया था।
आजादी का बिगुल बजाया, वैदिक धर्म निभाया था।।
याद करो उपकार सन्त के, व्यर्थ न समय गंवाओ तुम।
करो वेद प्रचार जगत् में, जग को स्वर्ग बनाओ तुम।।१।।
नेता बनकर बहुत भेड़िये, कारों में है घूम रहे।
ऊँचे-ऊँचे महल ठगों के, आसमान को चूम रहे।।
आर्य समाजी बनते हैं जो, काम खलों के करते हैं।
मुँह में राम बगल में भाला, ईश्वर से ना डरते हैं।
मानवता के हत्यारों को, वीरो! मार गिराओ तुम।
करो वेद प्रचार जगत् में, जग को स्वर्ग बनाओ तुम।।२।
आर्य जगत् में ठाकुर विक्रम सिंह निराला नेता है।
ईश्वर भक्त सदाचारी है, वेद धर्म प्रचेता है।।
दानवीर पर उपकारी है, सच्चा वीर विजेता है।
जो कहता है देश भक्त वह, काम पूर्ण कर देता है।
ऐसे देश भक्त नेता के, साथ सभी लग जाओ तुम।
करो वेद प्रचार जगत् में, जग को स्वर्ग बनाओ तुम।।३।।
ठाकुर विक्रम सिंह आर्य ने है, अद्भुत काम किया।
वेद प्रचारक हैं जितने भी, उन सब का सम्मान किया।
वेदों का विद्वान गजब का, हिम्मत का है धनी बड़ा।
विनम्र शील स्वभाव सन्त सा, दुष्टों से है सदा अड़ा।।
विक्रम को पूरा आदर दो, करके काम दिखाओ तुम।
करो वेद प्रचार जगत् में, जग को स्वर्ग बनाओ तुम।।४।।
अवसर पर यदि चूक गए तुम, जीवन भर पछताओगे।
दुनिया में नासमझ, स्वार्थी तुम सब मानो जाओगे।
जाति-पाति का रोग मिटाओ, कर्म क्षेत्र में बढ़ जाओ।
लेखराम, गुरुदत्त बनो तुम, उच्च शिखर पर चढ़ जाओ।।
'नन्दलाल' ऋषि दयानन्द के, गीत आर्यों गाओ तुम।
करो वेद प्रचार जगत् में, जग को स्वर्ग बनाओ तुम।।५।।
• पं. नन्दलाल निर्भय सिद्धान्ताचार्य पत्रकार