कन्याओं के पढ़ने में वैदिक प्रमाण
प्र.) कन्याओं के पढ़ने में वैदिक प्रमाण कहाँ है?
उ.) सुनो प्रमाण-
ब्रह्मचर्येण कन्या युवानं विन्दते पतिम् ।।
अथर्ववेद कां. 11। अ. 3सू. 5। मं. 18
अर्थ- जैसे लड़के लोग ब्रह्मचर्य करते हैं वैसे कन्या लोग ब्रह्मचर्य करके वर्णोच्चारण से लेकर वेदपर्य्यन्त शास्त्रों को पढ़कर प्रसन्न करके स्वेच्छा से पूर्ण युवावस्थावाले विद्वान् पति को वेदोक्त रीति से ग्रहण करें।। 1 ।।
क्या अधर्मी से भिन्न कोई ऐसा भी मनुष्य होगा किसी पुरुष वा स्त्री को विद्या के पढ़ने से रोककर मूर्ख रक्खा चाहे? और वेदोक्त प्रमाण का अपमान करके अपना कल्याण किया चाहे?