कामदेव से बचने का उपाय

कामदेव से बचने का उपाय (महर्षि दयानन्द सरस्वती) 


              एक दिन गंगारामजी ने कामदेव से बचने के उपाय पूछे तो महाराज ने दिया-"काम-वासना जीतने का यह विधान है कि एकांत स्थान में रहे, नाच कमी न देखे । अनुचित स्वरूप का देखना, अनुचित शब्द का सूनना और वस्तुओं का स्मरण करना छोड़ दे। स्त्रियों की ओर व्यतीत करे । इन साधनों से वासना मन्द हो जाती है। मनुष्य जितना वास तृप्ति का यत्न करेगा, वह शान्त न होकर उतनी ही बढ़ती चली जायेगी। इस विषय-वासना का चिन्तन भी न करे। जितेन्द्रिय बनने के अभिलाषी को रात "प्रणव" का जप करना चाहिए | रात को यदि जप करते हुए प्रालस्य बहुत बद तो दो घण्टा भर गाढ़ निद्रा लेकर उठ बैठे और पूर्ववत पवित्र "प्रणव" का करना प्रारम्भ कर दे। । बहत सोने से स्वप्न अधिक प्राने लग जाते । ये जित व्यक्ति के लिए अनिष्ट हैं। प्रातःकाल मालकंगनी के पाँच दाने खा लिया करे प्रकार जप आदि साधनों काम-वासना जीत ली जाती है।


                                                             महर्षि दयानन्द सरस्वती जीवन चरित्र 


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