गो महिमा के छंद.

गो महिमा के छंद


गायें मांयें एक सी, दोउ ममता की खान | 


दुग्ध देय पालन करें, रखें शिशु का ध्यान।।


गो सेवा की रघु नृपति, पायी थी संतान


गो सेवा से ही हुआ, रघु का वंश महान ।


गो सेवा करने स्वयं आये श्री भगवान


गो दुग्धामृत पी, दिया गीता ज्ञान महान।


गो द्विज हत्या से हुआ, रावण वंश विनास।


गो महिमा से युक्त हे, भारत का इतिहास ।


आदिकाल से हो रहा, मरण समय गोदान।


वैतरणी के पार हित, सुरभि सुतरणी जान।


गायत्री गंगा तथा गीता गो गोविन्द


इन पांचों के बिना कब दूर हुए दुख छंद।


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