ईश्वर-धन्यवाद (गीत)


ईश्वर-धन्यवाद (गीत)


आज मिल सब गीत गाओ उस प्रभु को धन्यवाद !


जिसका यश नित गाते हैं, गन्धर्व ऋषि मुनि धन्यवाद ! 


मन्दिरों में कन्दरों में, पर्वतों के शिखर पर!


देते हैं लगातार सौ-सौ बार मुनिजन धन्यवाद !


कूप में तालाब : सिन्धु की गहरी धार में!


प्रेम-रस में तप्त हो करते हैं जलचर धन्यवाद !


करते हैं जंगल में मंगल. पक्षीगण हर शाख पर !


पाते हैं आनन्द मिल गाते हैं स्वर भर धन्यवाद !


गानकर 'अमीचन्द' भजनानन्द ईश्वर-स्तुति।


ध्यान धर सुनते हैं श्रोता कान धर-धर धन्यवाद!


 


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