आर्य समाज

आर्य समाज


प्र० 1    आर्यसमाज की मान्यताएं क्या हैं?


उत्तर  • आर्यसमाज श्रेष्ठ पुरूषों का एक विश्व-कल्याण के यह कोई मत या सम्प्रदाय नहीं है। यह एक वैचारिक और क्रांन्ति है ।


          • यह मनुष्य की सर्वाङ्ग उन्नति में विश्वास रखता ... शारीरिक, समाजिक एवं आत्मिक उन्नति |


          • वेद ईश्वरीय ज्ञान है तथा इसमें बीज रूप से सभी ज्ञान-विज्ञान __ की विद्याओं का वर्णन है।


         • ईश्वर एक है। वही उपासना के योग्य हैं।


         • आर्यसमाज मर्तिपूजा में विश्वास नहीं रखता ।


         • आर्यसमाज पुर्नजन्म को मानता है। इसकी मान्यता है कि कर्मों के आधार पर ही कोई योनि मिलती है ।


         • पाप या पुण्य कभी क्षमा नहीं होते, उन का फल आवश्य मिलता है।


         • मनुष्य कर्म करने में स्वतंत्र तथा फल भोगने में परतन्त्र है० आश्रम-व्यवस्था व्याक्ति और समाज की उन्नति का आधार है।


        • आर्य समाज जात-पात को नहीं मानता। वह वर्ण व्यवस्था में विश्वास रखता है। जात-पात और वर्ण व्यवस्था में बहुत अन्तर है। वर्ण व्यवस्था व्यक्ति के गुणों और कर्मो पर आधारित है जबकि जात-पात जन्म पर आर्यसमाज त्रैतवाद में विश्वास रखता हैं। ईश्वर जीव और प्रकृति तीनो अनादि है।


        • आर्यसमाज भूत-प्रेत, जादू, यंत्र, जन्म पत्री, फलित ज्योतिष, नवग्रह पूजा आदि में विश्वास नहीं रखता ।


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