आर्य और आर्यावर्त्त नाम का अभिमान करो
आर्य और आर्यावर्त्त नाम का अभिमान करो
महर्षि पूना के आठवें प्रवचन में स्पष्ट रूप से घोषणा करते हैं कि तुम्हारा यथार्थ में सच्चा नाम 'आर्य' है। उस समय ब्रह्मचारी और ब्राह्मण इनका नाम आर्य था, उसका सूत्र है कि-
"आर्यो ब्राह्मणकुमारयोः'' पाणिनिसूत्रऐसी व्यवस्था होते हुए हमारे देश का नाम 'आर्यस्थान' 'आर्यखण्ड' होना चाहिएसो उसे छोड़ 'हिन्दुस्तान' यह नाम कहाँ से आया? भाई श्रोतागण 'हिन्दु' शब्द का अर्थ काला, काफ़िर, चोर ऐसा और हिन्दुस्तान अर्थात् काले, काफ़िर, चोरं लोगों की जगह अथवा देश, ऐसा अर्थ होता है। उसका इस प्रकार का बुरा अभिज्ञात और वर्त्त अर्थात् ऐसों का देश, (ऐसा अर्थ होता है) तुम अपना मूल का नाम भी भूल गये क्या? हम लोगों की यह स्थिति देखकर किसके हृदय को क्लेश न होगा? अस्तु, सज्जनो! आज से 'हिन्दु' इस नाम का त्याग करो और आर्य तथा आर्यावर्त्त इन नामों का अभिमान धरो। गुण भ्रष्ट हुए तो हुए, परन्तु नाम-भ्रष्ट तो हमें होना चाहिए। ऐसी मेरी आप सबसे प्रार्थना है।